पिता
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पिता जीवन है, संबल है, शक्ती है
पिता सॄष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है
पिता अंगुली पकड़े बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ मीठा है तो कभी खारा है
पिता पालन-पोषण है,परिवार का अनुशासन है
पिता भय से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है
पिता रोटी है कपड़ा है मकान है
छोटे से परिन्दे का बड़ा आसमान है
पिता अप्रदर्शित ,अनन्त प्यार है
पिता है तो बच्चों को इन्तजार है
पिता से ही बच्चों के ढ़ेर सारे सपने है
पिता है तो बाज़ार के सब खिलोने अपने है
पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ की बिन्दी और सुहाग है
पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है
पिता गॄहस्थाश्रम में उच्च स्थिति की भक्ती है
पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पुर्ती है
पिता रक्त में दिये हुए संस्कारो की मुर्ती है
पिता एक जीवन को जीवन दान है
पिता दुनियाँ दिखाने का अहसास है
पिता सुरक्षा है, अगर सिर पर हाथ है
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है
तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो
पिता का अपमान नहीं अभीमान करो
क्योकी माँ-बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता है
ईश्वर भी इनके आशीषों को काट नहीं सकता
दुनियाँ में किसी भी देवता का स्थान दूजा है
माँ -बाप की सेवा ही सब से बड़ी पूजा है
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा सब व्यर्थ है
यदि बेटे के होते हुए माँ-बाप असमर्थ है
वो खुशनसीब होते है,माँ-बाप जिनके साथ होते है
क्योकी माँ-बाप के आशीषो के हज़ारो हाथ होते है ..
फ़ादर‘स डे पर सभी का अभीनंदन करत हुऎ। पिता शक्ती को सो सो प्रणाम करके , एक अग्यात कवि की कविता , प्रेरणा स्वरूप;
रविवार, 21 जून 2009
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एक बहुत ही बढिया रचना ..................पिता महिमा.......उत्तम
जवाब देंहटाएंसुन्दरतम रचना पितृदिवस पर शुभकामनायें आभार्
जवाब देंहटाएंकविता अन्यतम है। प्रतीक झंकृत करते हैं।
जवाब देंहटाएंयह कविता आदरणीय श्री ओम व्यास जी की है. जो इस वक्त दिल्ली में अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं.पितृदिवस पर शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआदरणीय श्री ओम जी की इस रचना को बांटने का शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंव्यास जी शीघ्र ही स्वस्थ हों यही प्रार्थना!
पितृदिवस पर शुभकामनायें.