क्या लिखु क्या न लिखु इसी उहापोह मे लगा था मैं। यह मेरा पहला पहला ब्लाग है,और इसके विषय मे सोच सोच कर हारा। जब न समझ सका तो अचानक हि कुछ टाईप करने लगा। विचार यहि था कि मेरे पहले पहले ब्लाग का इम्प्रेशन भी कुछ वेसा हि हो जैसा पहली बारिश कि बुन्दो से भिगने पर धरती कि सोन्धि सोन्धि महक का मन पर।जैसे प्रेयसी का पहला स्पर्श।जैसे....अरे...रे...मैं तो उपमाओ पर उतर आया।खैर....उपमा कि क्या बात है। एक लड्की को देखा तो........जावेद सहाब ने उपमाओ से एक हिट गाना बना दिया। अभी चुनावी मोसम मे उपमओ का अलग निखार है, जैसे कमजोर ताकतवर बुडीया गुडीया खैर । वेसे मेरी पत्नि मेरे लिये गरम गरम उपमा बना रही है।गर्मी का मोसम है,हल्का खाना है।एक प्लेट उपमा के बाद उपमाओ पर सोचेगें।
खैर उपमओ कि बात चल रही है तो मुझे निरज सहाब कि कविता कि कुछ पगंतियां याद आगयी ,अर्ज है
"जब चले जाएगे हम ,लोट के सावन कि तरह,
याद आयेगे प्रथम प्यार के चुम्बन कि तरह,"
हां सहाब हर कोइ अपना पहला इम्प्रेशन अच्छा हि डालना चाहता है। तभी तो कहा जाता है "फ़स्र्ट इम्प्रेशन इज़ लास्ट इम्प्रेशन"।
नई गाडी नई लाडी नई साडी नया घर नया टीवि नई बीबी नया अखबार नई कार नया चेनल नया पैनल नया मुहल्ला नया शहर नई खबर.......जी ये सब इम्प्रेसिव होते है जनाब।
मैं भी कोशीश मे लगा हूं कि एक इम्प्रेसिव ब्लाग लिखु और एक अच्छी जगह पाऊं।
मगर यह हो ना सका.....और अब ये आलम है,के तू नहि तेर गम तेरी जुस्त्जू भी नही।अरे.....रे मुझे तो साहीर लुधियानवी सहाब कि ’"कभी कभी " याद आ गई।आप भी समाद फ़रमाऎ........
खैर उपमओ कि बात चल रही है तो मुझे निरज सहाब कि कविता कि कुछ पगंतियां याद आगयी ,अर्ज है
"जब चले जाएगे हम ,लोट के सावन कि तरह,
याद आयेगे प्रथम प्यार के चुम्बन कि तरह,"
हां सहाब हर कोइ अपना पहला इम्प्रेशन अच्छा हि डालना चाहता है। तभी तो कहा जाता है "फ़स्र्ट इम्प्रेशन इज़ लास्ट इम्प्रेशन"।
नई गाडी नई लाडी नई साडी नया घर नया टीवि नई बीबी नया अखबार नई कार नया चेनल नया पैनल नया मुहल्ला नया शहर नई खबर.......जी ये सब इम्प्रेसिव होते है जनाब।
मैं भी कोशीश मे लगा हूं कि एक इम्प्रेसिव ब्लाग लिखु और एक अच्छी जगह पाऊं।
मगर यह हो ना सका.....और अब ये आलम है,के तू नहि तेर गम तेरी जुस्त्जू भी नही।अरे.....रे मुझे तो साहीर लुधियानवी सहाब कि ’"कभी कभी " याद आ गई।आप भी समाद फ़रमाऎ........
भाई धनंजय जी,
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है। अपने विचारों को लोगों तक पहुँचाने का यह अच्छा माध्यम है। एक अनुरोध है कृपया लिखते समय मात्राओं का ध्यान रखें तो पढ़ने वालों को और आनण्द आयेगा।
जैसे प्रायः आपने की को कि लिखा है। ऊ की जगह उ की मात्रा लगाई है। कोशीश नहीं सही शब्द है कोशिश
बेहतर हो आप किसी शब्दकोष का सहारा लें
सद्भाव सहित
अमिताभ
aapka swagat hai
जवाब देंहटाएंसुंदर लिखा है.
जवाब देंहटाएंअगली पोस्ट का इंतजार रहेगा .....इम्प्रेसिव ब्लाग भी लिखोगे.
आपका और आपके इस ब्लॉग का स्वागत है ...
जवाब देंहटाएंआप यूँ ही अच्छा अच्छा लिखते रहिए
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
"जब चले जाएगे हम ,लोट के सावन कि तरह,
जवाब देंहटाएंयाद आयेगे प्रथम प्यार के चुम्बन कि तरह,"
अपने पहले ब्लॉग तो बहूत सुन्दर निभाया............
आशा है आगे भी ऐसे ही रोचकता बनी रहेगी
आपका फर्स्ट इम्प्रैशन बढिया रहा.........शुभकामनाऎं..
जवाब देंहटाएंnarayan....narayan...narayan
जवाब देंहटाएंप्रिय बन्धु
जवाब देंहटाएंखुशामदीद
स्वागतम
हमारी बिरादरी में शामिल होने पर बधाई
मेरी सबसे बड़ी चिंता ये है कि आज हमारे समाज का शैक्षिक पतन उरूज पर है पढना तो जैसे लोग भूल चुके हैं और जब तक आप पढेंगे नहीं, आप अच्छा लिख भी नहीं पाएंगे अतः सिर्फ एक निवेदन --अगर आप एक घंटा ब्लॉग पर लिखाई करिए तो दो घंटे ब्लागों कि पढाई भी करिए .शुभकामनाये
जय हिंद